आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने जमकर दिल्ली सरकार की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि 21 साल में जो काम बीजेपी और कांग्रेस नहीं कर पायी,उसे हमारी पार्टी आप 21 महीने में करके दिखाएगी। उत्तराखंड के चार दिनी दौरे पर कुमाऊं पहुंचे सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने उत्तराखंड की जनता को बिजली, रोजगार, ट्रांसपोर्ट के नाम पर धोखा दिया है।
दिल्ली में महिलाओं के लिए बसों में आवाजाही निशुल्क हो सकती है तो उत्तराखंड में क्यों नहीं? सिसोदिया ने हल्द्वानी में एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली में 24 घंटे सस्ती बिजली और निशुल्क बिजली उपलब्ध हो सकती है तो उत्तराखंड में क्यों नहीं? दिल्ली सरकार लाखों युवकों को रोजगार दे सकती है तो उत्तराखंड में युवाओं को रोजगार क्यों नहीं मिल सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि श्री अरविंद केजरीवाल जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश की जनता को मुफ्त बिजली, रोजगार , बेरोजगारी भत्ता देने व महिलाओं को 1000 रूपये महीना देने का वायदा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आने पर सभी वादे पूरे किए जाएंगे।
दिल्ली में हमने करके दिखाया है और अब उत्तराखंड की बारी है। उन्होंने कहा कि जो पिछले 21 सालों में नहीं हुआ है वह 21 महीनों में पूरा होगा। सिसोदिया ने जनता से अपील करते हुए कहा कि इस बार का वोट स्कूल के नाम पर दीजिए। वह 21 साल के धोखे और टूटे सपनों को 21 महीनों में पूरा करेंगे।
उन्होंने लालकुआं स्कूल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने आज एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया। स्कूल की बेहद दयनीय स्थिति में है। उन्होंने कहा कि टिन व कच्ची दीवार में स्कूल चल रहा है। 21वीं सदी में बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं। उत्तराखंड के बच्चों का भविष्य यहां की सरकारों द्वारा बर्बाद किया जा रहा है। यहां की सरकार अखबारों में विज्ञापन देकर बडे बड़े दावे करती है। उत्तराखंड के बच्चों स्कूल न बन पाये तो ऐसे में डूब मरना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत आज बेहद अच्छी हो गयी है। इनमें अच्छी शिक्षा प्रदान की जा रही है। अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों के बजाय सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस बार को वोट स्कूल के नाम पर दें। उनका वादा है कि वह यहां भी दिल्ली की तर्ज पर यहां के स्कूलों के हालात बदल देंगे।